2026 में बदलेगी विधानसभा और लोकसभा की तस्वीर, कई दिग्गज होंगे बाहर

 निर्वाचन आयोग की ओर से साल-2026 में विधानसभा और लोकसभा सीटों का परिसीमन प्रस्तावित है। इसके बाद राज्य में विधानसभा और लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। 2026 में जिले की राजनीति की तस्वीर बदलने की संभावना देख कई नेताओं ने अभी से नए विधानसभा क्षेत्र तलाशना शुरू कर दिया है। कई दिग्गज नेताओं का इस बार वर्तमान विधानसभा से आखिरी चुनाव भी हो सकता है। अगले चुनाव में उन्हें चुनाव लड़ने के लिए नई जमीन तलाशनी होगी। साल-2023 का विधानसभा चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।







अलवर जिले की बात करें तो यहां पूरा राजनीतिक परिदृश्य बदलने की संभावना है। वर्तमान में अलवर जिले में 11 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से अलवर ग्रामीण और कठूमर सीट एससी तथा राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ सीट एसटी कोटे में रिजर्व है, लेकिन अगले चुनाव में इन सीटों पर रिजर्वेशन खत्म हो सकता है। इसके बाद यहां से चुनाव जीतते आए नेताओं के लिए संकट खड़ा हो सकता है। उनके चुनाव लड़ने के लिए अन्य विधानसभा सीटों की तरफ रुख करना पड़ सकता है। वहीं, परिसीमन होने की बाट जोह रहे नेताओं को यहां से चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि ये तीनों रिजर्व सीटें अलवर जिले में ही हैं।


महिलाओं की बढ़ेगी भागीदारी

नए परिसीमन में महिलाओं के लिए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में 33 फीसदी सीटें आरक्षित होंगी। अलवर जिले की वर्तमान 11 सीटों में से 3 से 4 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होने की संभावना है। ऐसे में राजनीतिक दलों की महिला नेताओं को चुनाव लड़ने का ज्यादा मौका मिल सकेगा।





लोकसभा चुनाव में होगा बदलाव

राजनीति के जानकारों के अनुसार साल-2024 के बाद साल-2029 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भी परिसीमन की बदली तस्वीर देखने को मिल सकती है। अभी अलवर जिले का कठूमर क्षेत्र भरतपुर लोकसभा, थानागाजी क्षेत्र दौसा लोकसभा और बानसूर क्षेत्र जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। परिसीमन के लिए कठूमर और थानागाजी क्षेत्र अलवर जिले में ही शामिल किए जा सकते हैं। वहीं, बानसूर क्षेत्र बहरोड़-कोटपूतली लोकसभा में शामिल हो सकता है।

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